लेखनी कविता - गीता सार - अध्याय १७

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अध्याय १७ अर्जुन बोले करते यजन जो शास्त्र-विधि को छोड़ श्रद्धायुक्त हो ॥ हे कृष्ण, उनकी सत्त्व, रज, तम कौनसी निष्ठा कहो ॥१॥ श्रीभगवान् बोले श्रद्धा स्वभावज प्राणियों में पार्थ, तीन ...

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